रूस में OIC का बदला लेगा भारत? साल 1969 में जनरल याह्या खान ने दी थी धमकी, अब पीएम मोदी के पाले में गेंद, जानें कहानी

कजान: रूस के कजान शहर में ब्रिक्‍स देशों का श‍िखर सम्‍मेलन होने जा रहा है। पीएम मोदी मंगलवार को कजान शहर के लिए रवाना हो रहे हैं। इस बैठक से ठीक पहले ब्रिक्‍स के विस्‍तार की चर्चा जोर पकड़ रही है। पाकिस्‍तान समेत करीब 35 देशों ने ब्रिक्‍स में शा

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कजान: रूस के कजान शहर में ब्रिक्‍स देशों का श‍िखर सम्‍मेलन होने जा रहा है। पीएम मोदी मंगलवार को कजान शहर के लिए रवाना हो रहे हैं। इस बैठक से ठीक पहले ब्रिक्‍स के विस्‍तार की चर्चा जोर पकड़ रही है। पाकिस्‍तान समेत करीब 35 देशों ने ब्रिक्‍स में शामिल होने के लिए दावेदारी की है। कजान में होने वाली बैठक में 10 देशों को ब्रिक्‍स का सदस्‍य बनाया जा सकता है। भारत का धुर विरोधी पाकिस्‍तान चीन की मदद से ब्रिक्‍स का सदस्‍य बनना चाहता है। इसके लिए पाकिस्‍तान की सरकार रूस को खुश करने में जुटी हुई है। पाकिस्‍तान की कोशिश है कि वह रूस की मदद से भारत पर दबाव डाले और ब्रिक्‍स का सदस्‍य बन जाए। रूस ने भी पाकिस्‍तान के समर्थन का ऐलान किया है। वहीं पाकिस्‍तान की सदस्‍य के लिए भारत की मंजूरी जरूरी होगी लेकिन अभी तक उसने कोई संपर्क नहीं किया है। ऐसे में यह सवाल गरम है कि क्‍या भारत अब 1969 के ओआईसी के धोखे का बदला लेगा या पाकिस्‍तान को सपोर्ट करेगा।
भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश है लेकिन अभी तक इस्‍लामिक देशों के संगठन ओआईसी का हिस्‍सा नहीं है। भारत से आगे केवल इंडोनेशिया और पाकिस्‍तान ही हैं। ऐसे अनुमान हैं कि भारत साल 2060 तक दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश बन जाएगा। असल में भारत को ओआईसी की सदस्‍यता देने के लिए कई बार प्रस्‍ताव आया लेकिन हर बार सहमति नहीं बन पाने की वजह से ऐसा नहीं हुआ। हर बार सबसे ज्‍यादा विरोध तो पाकिस्‍तान की ओर से किया गया।

याह्या खान ने ओआईसी को दी थी धमकी


साल 1969 में ओआईसी के पहले शिखर सम्‍मेलन में भारत को आमंत्रित किया गया था। भारत ने ओआईसी के इस सम्‍मेलन को संबोधित भी किया था लेकिन यह हमारे धुर विरोधी पाकिस्‍तान को रास नहीं आया और उसने अपने प्रभाव का इस्‍तेमाल करके भारत को बाकी के सत्र से बाहर करवा दिया। पाकिस्‍तान के तत्‍कालीन सैन्‍य तानाशाह याह्या खान ने भारत को लेकर धमकी दे दी। याह्या खान ने कहा कि अगर भारत को ओआईसी की सदस्‍यता दी जाती है तो पाकिस्‍तान इससे अलग हो जाएगा।

यह वही पाकिस्‍तानी सेना के जनरल याह्या खान थे जिन्‍होंने पूर्वी पाकिस्‍तान में नरसंहार कराया था। बाद में भारत की मदद से अलग बांग्‍लादेश का गठन हुआ। अब पाकिस्‍तान की ब्रिक्‍स की सदस्‍यता का भविष्‍य भारत के रुख पर निर्भर कर रहा है। रूस के कजान शहर में ब्रिक्‍स की बैठक में पीएम मोदी हिस्‍सा लेने जा रहे हैं। इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर इस्‍लामाबाद गए थे और एससीओ की बैठक में हिस्‍सा ल‍िया था। करीब 9 साल के बाद किसी भारतीय विदेश मंत्री ने पाकिस्‍तान की यात्रा की थी।


भारत कर सकता है पाकिस्‍तान का सपोर्ट


एबीपी लाइव की खबर के मुताबिक पाकिस्‍तान की ब्रिक्‍स में सदस्‍यता को भारत सपोर्ट कर सकता है। पाकिस्‍तान लंबे समय से इसके लिए प्रयास कर रहा है। वहीं भारत और चीन के बीच भी सीमा विवाद को लेकर सहमति बन गई है और इसका असर तीनों ही देशों के बीच रिश्‍तों पर हो सकता है। पीएम मोदी और चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के बीच ब्रिक्‍स शिखर सम्‍मेलन के दौरान मुलाकात हो सकती है। ब्रिक्‍स यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है जब पश्चिमी देश ब्रिक्‍स के बढ़ते प्रभाव से टेंशन में हैं।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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